Tuesday, 21 May 2024

या चुप रहे !

मेरे हाथ पे तिल धूंडणे वाला काला पहाड निकले तो केहदे, या चूप रहे ! 

 सोच के बारे में सोच के, सोचना बंद हो जाये तो केहदे, या चूप रहे ! 

 दुनिया की नजर की गलती गेहरी सोच के बाद भी खुद को सही लगे तो केहदे, या चूप रहे ! 

 शिवजी का तांडव कृष्ण लीला से प्यारा लगे तो केहदे, या चूप रहे ! 

दिल देहला देने वाली बात, ऑर वो मुस्कुराहट याद आये तो केहदे, या चूप रहे !