सुमिरन कर ले, मेरे मना
तेरी बीती जाती उमर , हरिनाम बिना
कूप नीर बिन, धेनु चीर बिन,
धरती मेघ बिन,
जैसे तरवार फल बिन हीना
तैसे प्राणी हरिनाम बिना
देह नैन बिन, रैना चंद्र बिन,
मंदिर दीप बिना,
जैसे पंडित वेद बिना,
तैसे प्राणी हरिनाम बिना
काम क्रोध मद लोभ निवारो
छांड दे अब संत जना
कहे नानक शा सुनो भगवंता
या जग में कोई नहि अपना
सुमिरन कर ले, मेरे मना
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