आप के दिल के मेहलो मे, चुटकुले मे, यादो मे, भरा पडा हू
मेरे भीतर की दीवारो मे, होशो हावाज मे, खाली पडा हु
दुनिया की हर ताकत को, आंधी को, मुश्किल को, भारी पडा हू
मेरे मन में उठी सासोंकी हलकी लेहेरो से, उम्मिदो से, कम पडा हू
सामने दिखी हर एक चुनौती का सामना करने बेहीचक निकल पडा हू
मेरे दिमाख ओर दिल के मामुली फासलोके सामने हैरान पडा हू
इन पंक्तीयोमे, इंही लब्जो मे, इसी कागज पे भरा पडा हू
मेरे भीतर की दीवारो मे, होशो हावाज मे, खाली पडा हु
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